क्या आपको दुधारू भैंस खरीदना है जो प्रतिदिन 20 लीटर से ऊपर दूध दे सके , भैंस खरीदना है या आप पशु खरीदने वाला ऐप ढूंढ रहे हैं। तो आप सही जगह पर हैं
वर्तमान समय में सभी के पास एक अपना फोन है फिर चाहे वह शहरों में रहते हो या गांव में और उसमे चलाने के लिए इंटरनेट की सुविधा भी है ।
इसलिए आज सारे भारतीय ऑनलाइन हो गए हैं और उसमे तरह-तरह की चीजें चलाते हैं । उनमें से एक है पशु खरीदने वाला ऐप जहां आप ऑनलाइन भैंस खरीद सकते हैं । मेरापशु 360 पशुपालन ऐप जो आपकी इस जरूरत को पूरा करेगी व भी घर बैठे आपके अपने फोन से। केवल आसान उपायों के साथ ।
दुधारू पशु खरीदने के समय पशुपालक करते हैं ये गलतियां
कई बार किसान ऐसी नस्ल की गाय या भैंस लाते हैं, जिनके बारे में माना जाता है कि ये ज्यादा दूध देती हैं। हालांकि, उन दुधारू पशुओं से पशुपालक बढ़िया दूध उत्पादन नहीं हासिल कर पाते हैं।
वहीं, कई बार पशुओं की असमय मौत हो जाती है। दरअसल ये सभी स्थितियां इसलिए आती हैं क्योंकि पशुपालक दुधारू पशुओं को खरीदते वक्त कई पहलूओं पर ध्यान नहीं देते हैं। इसका नुकसान उन्हें उठाना पड़ता है।
अक्सर यह भी देखा जाता है
आज गाँव घरों में किसानों को पशु खरीदने के लिए अपने आसपास के लोगों से संपर्क करना पड़ता है। किसी व्यक्ति को भैंस बेचने के लिए अलग-अलग गांव में लोगों से संपर्क करना पड़ता है।
देखा जाए तो दुधारू पशु खरीदने वाले लोगों के लिए यह एक बहुत मुश्किल प्रक्रिया है। जिनमे से अधिकतर लोग मंडी में या पशु मेले में जाकर किसान भैंस खरीदते हैं, जहां कई दलालों से उनका सामना होता है और कई बार उनसे पैसे की ठगी कर ली जाती है।
कौन सी गलतियों से पशुपालकों को बचना चाहिए
सामान्य तौर पर पशुओं की जनन क्षमता 10 से 12 वर्ष में समाप्त हो जाती है। अगर आप अंतिम वर्षों में दुधारू पशुओं को अपने बेड़े में शामिल करेंगे तो इनके दूध देने की क्षमता कम हो जाएगी। शायद आपका पशु पूरी तरह दूध देना बंद कर दे। इससे आप भारी नुकसान में पहुंच जाएंगे।
तीसरे-चौथे ब्यांत तक पशुओं का दूध उत्पादन क्षमता चरम पर रहता है। इसके बाद पशुओं के दूध उत्पादन क्षमता में गिरावट आती है। चौथे ब्यांत के बाद पशुओं को अपने बेड़े में शामिल करना समझदारी भरा फैसला नहीं होगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि डेयरी व्यवसाय के लिए पहले और दूसरे ब्यांत के मवेशी खरीदना ज्यादा लाभदायक है। इससे किसान लंबे समय तक मुनाफा कमा सकते हैं। ऐसे में दुधारू पशुओं को अपने बेड़े में शामिल करते वक्त इस बात का जरूर ध्यान रखें।
दुधारू पशु खरीदते समय कुछ बातों का ध्यान देना जरूरी
अगर आप भी भैंस खरीद रहे हैं तो जान लें दुधारू पशु का मूल्याकंन उनके दुग्ध उत्पादन क्षमता, प्रतिवर्ष बच्चे देने की क्षमता तथा लम्बे, स्वास्थ्य एवं उपयोगी जीवन से किया जाता है। अच्छे दुधारू पशुओं को खरीदते समय आपको कई मुख्य बातें पता होनी चाहिए ।
शारीरिक संरचना कैसी
दुधारू पशुओं का शरीर आगे से पतला तथा पीछे से चौड़ा, नथुना खुला हुआ, जबड़ा मजबूत पेशीवाला, आँखे उभरी एवं चमकदार, त्वचा पतली, पूँछ लम्बी, सींगों की बनावट नस्ल के अनुसार, कन्धा शरीर से भली-भाँति जुड़ा हुआ, छाती का भाग विकसित, पीठ चौड़ी एवं समतल तथा शरीर छरहरा होना चाहिये दुधारू गाय की जाँघ पतली एवं गर्दन पतली लम्बी एवं सुस्पष्ट होनी चाहिये।
पेट काफी विकसित होना चाहिये। अयन (थन) की बनावट समितीय, त्वचा कोमल होना चाहिये।चारों चूचक एक समान लबें एवं मोटे, एक दूसरे से समान दूरी होना चाहिये।
दुग्ध उम्पादन क्षमता जरूरी
आप कोई भी पशु लें पर खरीदने से पूर्व उसे स्वंय दो तीन दिन तक दुहकर भली-भाँति परख लेना चाहिये। दूहते समय दूग्ध की धार सीधी गिरनी चाहिये तथा दूहने के बाद थन सिकुड़ जाना चाहिये। अयन में दूध की शिराएँ उभरी हुई अच्छी तरह से विकसित दिखाई देनी चाहिये।
वंशावली संबंधित जानकारियाँ
यदि पशु की वंशावली उपलब्ध हो तो उनके बारे में सभी बातों की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। लेकिन कई गाँव और कस्बों में वंशावली रिकॉर्ड रखने का प्रचलन नहीं है, जिसके कारण अनेक लक्षणों के आधार पर ही पशु का चुनाव करना पड़ता है। अच्छे डेरी फार्म या पशु खरीदने वाला ऐप से पशु खरीदने में यह सुविधा प्राप्त हो सकती है।
आयु पता लगाने का सही तरीका
सामान्यतः पशुओं की जनन क्षमता 10-12 वर्ष की आयु के बाद समाप्त हो जाती है। तीसरे-चौथे ब्याँत तक दुग्ध उत्पादन चरम सीमा पर रहता है जो धीरे-धीरे घटते जाता है। अतः दुग्ध उत्पादन व्यवसाय के लिये 2-3 दाँत वाले कम आयु के पशु अधिक लाभदायक होते हैं। दुधारू पशुओं में स्थाई एवं अस्थाई दो प्रकार के होते है। स्थाई दाँत मटमैले सफेद रंग के उपर से नीचे की तरफ पतले गर्दन का आकार लिये हुए जबड़े से जुड़े होते हैं जबकि अस्थाई दाँत सफेद बिना गर्दन के जबड़े से लगे होते हैं।
(छः) साल के बाद मवेशियों के सामने के दो( इनसाइजर) दांत धीरे-धीरे घिसनें लगते हैं जिससे अपेक्षाकृत कम नुकीले एवं छोटे दिखाई देते हैं। 10-11 साल की आयु होने तक चारों इनसाइजर दाँत घिसकर छोटे हो जाते हैं। उम्र बढ़ने के साथ-साथ लगभग सभी दाँत घिसकर चौकोर हो जाते हैं तथा दो दाँतों के बीच में फर्क दिखाई देने लगता है।
स्वास्थ्य एवं जनन क्षमता कितनी
पशु का स्वास्थ्य अच्छा होना चाहिये तथा स्वास्थ्य के बारे में अगल-बगल के पड़ोसी या पशुपालन ऐप से जानकारी भी अवश्य लेनी चाहिये। टीकाकरण एवं अब तक हुई बीमारियों के बारे में सही-सही जानकारी होने से उसके उत्तम स्वास्थ्य पर भरोसा किया जा सकता है।
आदर्श दुधारू भैंस वही होती है जो प्रतिवर्ष एक बच्चा देती है। पशु क्रय करते समय उसका प्रजनन इतिहास अच्छी तरह जान लेना चाहिये। यदि उसमें किसी प्रकार की कमी हो तो उसे कदापि नहीं खरीदना चाहिये। क्योंकि ये कभी भविष्य में समय पर पाल न खाने, गर्भपात होने, स्वास्थ्य, बच्चा नही होने, प्रसव में कठिनाई होने इत्यादि कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।